कहानी | ज़ेवर का डिब्बा | जमशेद क़मर सिद्दीक़ी

ज़ेवर का डिब्बा लेखक – मुंशी प्रेमचंद बी.ए. पास करने के बाद चन्द्र प्रकाश को क ट्यूशन करने के सिवा कुछ न सूझा। उनकी माँ पहले ही मर चुकी थी। उसी साल वालिद भी चल बसे, और प्रकाश ज़िंदगी के जो शीरीं ख़्वाब देखा करता था, वो मिट्टी में मिल गये, वालिद आ’ला ओह्दे पर थे। उनकी