केजरीवाल पर आज फैसले का दिन… जानिए शराब घोटाले में जांच की पूरी क्रोनोलॉजी, कौन-कौन जेल से बाहर, कौन अंदर?

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दिल्ली शराब घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. केजरीवाल की ओर से दाखिल याचिका में सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइंया की बेंच ने 5 सितंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. केजरीवाल को अगर आज जमानत मिल जाती है तो वे तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है. 

केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था, उस वक्त वो मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद थे. सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को 21 मार्च को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था. 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया. करीब 51 दिन बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन के लिए आम चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल की रिहाई को मंजूरी दी. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की एक जून तक की रिहाई मंजूर की थी. 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. शुक्रवार यानी 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई होती है तो कुल जेल गए 177 दिन हो जाएंगे. अगर 21 दिन की रिहाई को कम कर दिया जाए तो केजरीवाल का कुल 156 दिन जेल में रहने का रिकॉर्ड बन जाएगा.

हाईकोर्ट ने खारिज कर दी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका

दरअसल, केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने उनकी सीबीआई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका कर दी थी और जमानत के लिए निचली अदालत जाने की सलाह दी थी. केजरीवाल ने दोनों ही आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उन्होंने सीबीआई की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है और जमानत दिए जाने की मांग की है.

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलीलें दीं?

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों कोर्ट में गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे और कहा था कि सीआरपीसी की धारा 41ए में पूछताछ की नोटिस भेजे बिना सीधे गिरफ्तारी करना गैरकानूनी है और केजरीवाल को रिहाई दी जानी चाहिए. सिंघवी की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट कई फैसले में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद हैं. चूंकि, केजरीवाल संवैधानिक पद पर हैं, जमानत मिलने पर उनके भागने की संभावना नहीं है. उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को ‘बीमा अरेस्ट’ ठहराया था. क्योंकि यह गिरफ्तारी ईडी मामले में केजरीवाल की रिहाई से ठीक पहले 26 जून को हुई थी. सिंघवी का कहना था कि मामला अगस्त 2022 का है और दो साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई.

सीबीआई ने क्या तर्क दिए हैं?

वहीं, सीबीआई की ओर से गिरफ्तारी को जायज ठहराया गया है. सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. वे जांच एजेंसी को लगातार गुमराह कर रहे थे और उनकी गिरफ्तारी की कोर्ट से अनुमति ली गई थी. केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, जो याचिका के साथ अटैच नहीं की गई है. सीबीआई को जांच और गिरफ्तारी का अधिकार है. 

सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पक्ष रख रहे हैं. ASG ने जमानत पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, केजरीवाल को पहले सत्र अदालत जाना चाहिए था, जबकि वो सीधे हाईकोर्ट गए, जो ठीक नहीं है. सीबीआई का कहना था कि चार्जशीट के बिना वो नियमित जमानत की मांग नहीं कर सकते हैं. 

ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ HC पहुंची ईडी

इधर, आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. HC ने इस मामले में 23 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है. कोर्ट ने नोट दर्ज किया कि केजरीवाल से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ कर रही है. दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए मामले को संवैधानिक पीठ को भेज दिया था. 

ट्रायल कोर्ट (सीबीआई की विशेष अदालत) ने 20 जून को केजरीवाल को एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी, लेकिन सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में होने के कारण वह तिहाड़ जेल से बाहर नहीं आ सके थे. जांच एजेंसियों ने केजरीवाल को इस पूरे कथित घोटाले में किंगपिन होने का दावा किया. इस केस में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है. जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत मिली थी. सीबीआई ने केजरीवाल पर गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में 40 AAP उम्मीदवारों के लिए ‘रिश्वत’ से 90 लाख रुपये जुटाने का भी आरोप लगाया है.

शराब घोटाले में जांच की पूरी क्रोनोलॉजी

दरअसल, नवंबर 2021 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने नई शराब नीति लागू की. इससे पहले दिल्ली में शराब की 864 दुकानें थीं, जिनमें से 475 सरकारी थीं. लेकिन नई नीति के तहत सरकार शराब के कारोबार से पूरी तरह बाहर आ गई और शराब का कारोबार निजी हाथों में सौंप दिया. नई नीति आने से पहले 750 एमएल की एक बोतल पर शराब कारोबारियों को 33.35 रुपये रिटेल मार्जिन मिलता था, लेकिन नई नीति के बाद 363.27 रुपये हो गया. इसी तरह, पहले एक बोतल 530 रुपये की मिलती थी, जो बाद में बढ़कर 560 रुपये हो गई. इससे एक तरफ कारोबारियों की तो मोटी कमाई हुई, दूसरी तरफ शराब की बिक्री पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से होने वाली सरकार की कमाई तेजी से कम हो गई.

– पहले 530 रुपये की बोतल पर दिल्ली सरकार 223.89 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूलती थी लेकिन नई नीति के तहत सरकार ने होलसेल प्राइस पर एक्साइज ड्यूटी बोतल की कीमत की महज 1% कर दी. लिहाजा, शराब कारोबारियों को 530 रुपये की बोतल पर महज 1.88 रुपये ही एक्साइज ड्यूटी देनी पड़ी. जबकि ग्राहक से इसी बोतल पर 30 रुपये लिए गए.

– 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी. इसमें तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया. मुख्य सचिव ने आबकारी नीति 2021-22 के जरिए सरकारी खजाने को 580 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया.

– इस रिपोर्ट पर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया. इसमें मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया. घोटाले में पैसों की हेराफेरी के भी आरोप थे, इसलिए ईडी भी इसमें शामिल हो गई. केस दर्ज करने के बाद सीबीआई और ईडी ने छापे मारे और गिरफ्तारियां शुरू कीं. ईडी और सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि 2021-22 की आबकारी नीति की वजह से दिल्ली सरकार को कथित तौर पर 2,873 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा.

घोटाले के मुख्य किरदार कौन-कौन?

– मनीष सिसोदिया (दिल्ली के तत्कालीन आबकारी मंत्री) 
– एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर) 
– आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) 
– पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) 
– विजय नायर (ओनली मच लाउडर का पूर्व सीईओ) 
– मनोज राय (परनोड रिकॉर्ड का पूर्व कर्मचारी) 
– अमनदीप ढाल (ब्रिंडको सेल्स का डायरेक्टर) 
– समीर महेंद्रू (इंडोस्पिरिट्स ग्रुप का एमडी) 
– अमित अरोड़ा (बडी रिटेल का डायरेक्टर) 
– दिनेश अरोड़ा, सनी मारवाह (महादेव लिकर्स का अथॉराइज्ड सिग्नेटरी) 
– अरुण रामचंद्र पिल्लई 
– अर्जुन पांडे 
– बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड 
– महादेव लिकर्स

केजरीवाल

कौन-कौन कब गिरफ्तार हुआ?

-27 सितंबर 2022 को CBI ने विजय नायर को गिरफ्तार किया. अगले ही दिन ईडी ने समीर महेंद्रू को गिरफ्तार कर लिया. 
– 26 फरवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया. CBI के बाद ED ने भी मनीष सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया. 
– 4 अक्टूबर 2023 को ईडी ने AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अरेस्ट किया. 
– 15 मार्च 2024 को तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता अरेस्ट हुईं.
– 21 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने गिरफ्तार किया.
– मार्च 2023 को हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को ईडी ने गिरफ्तार किया. पिल्लई, कथित तौर पर साउथ ग्रुप का हिस्सा है, जो AAP नेताओं को 100 करोड़ की रिश्वत भेजी.
– ईडी ने हवाला ऑपरेटर विनोद चौहान को गिरफ्तार किया. चौहान 25.5 करोड़ रुपये के ट्रांसफर में शामिल था.
– अप्रैल 2023 में दिल्ली के कारोबारी अमनदीप ढल्ल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. ढल्ल पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर विजय नायर के साथ मिलकर साजिश रची और ‘साउथ ग्रुप’ के साथ बैठकों की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
– अगस्त 2023 में अमन ढल्ल को बचाने के लिए 5 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में ईडी के एक सहायक निदेशक और छह अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया.

ED ने जिन 18 आरोपियों को अरेस्ट किया, उनमें 11 को जमानत

ईडी ने अब तक कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें 14 को अदालतों से जमानत मिल गई, जिसमें 11 को नियमित जमानत और 3 को अंतरिम जमानत मिली है. अरविंद केजरीवाल, हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली और एक शराब कंपनी के निदेशक अमित अरोड़ा को अंतरिम जमानत मिली है. दिल्ली के व्यवसायी अमनदीप ढल्ल अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश अभी लंबित है.

CBI ने जिन 9 आरोपियों को पकड़ा, उनमें 7 को जमानत

सीबीआई ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनमें दो अभी भी जेल में बंद हैं. केजरीवाल और अमनदीप ढल्ल न्यायिक हिरासत में हैं. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और BRS की नेता के. कविता को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. AAP के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, हैदराबाद के CA बुच्ची बाबू गोरंटला, न्यूज चैनल प्रमुख अरविंद कुमार सिंह, और AAP के वालंटियर चनप्रीत सिंह को भी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जमानत मिल चुकी है.

कौन जेल के अंदर?

– अमनदीप ढल्ल दिल्ली की जेल में बंद है. इस साल जून में दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था.

कौन-कौन जेल से बाहर?

– 27 अगस्त को के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. वे 5 महीने बाद जेल से बाहर आईं.
– 9 अगस्त, 2024 को मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. वे 17 महीने बाद जेल से बाहर आए.
– 2 अप्रैल 2024 को AAP नेता संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. संजय 6 महीने तक जेल में बंद रहे.
– 2 सितंबर को AAP के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई और वो बाहर आ गए.
– जनवरी 2024 में समीर महेंद्रू को राउज एवेन्यू कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है.
– पर्नो रिकार्ड इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक बिनॉय बाबू, चैरियट प्रोडक्शन मीडिया के निदेशक राजेश जोशी, पंजाब के शराब कारोबारी गौतम मल्होत्रा, हैदराबाद के व्यवसायी अरुण पिल्लाई, AAP के वालंटियर चरणप्रीत सिंह और कारोबारी विनोद चौहान भी जमानत पर बाहर आ गए हैं.
– इसके अलावा, अभिषेक बोइनपल्ली, बुच्ची बाबू गोरंटला, अरविंद कुमार सिंह को भी जमानत मिल गई है.
– चैरियट प्रोडक्शन मीडिया के निदेशक राजेश जोशी को भी जमानत मिल गई है. 
– तीन गिरफ्तार आरोपियों ने बाद में सरकारी गवाह बनकर रिहा होने का लाभ उठाया है, इनमें अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी, मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और कारोबारी दिनेश अरोड़ा का नाम शामिल है.

केजरीवाल

शराब घोटाले में ईडी ने चार्जशीट में क्या कहा?

– प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई में शराब घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट फाइल की थी. ईडी ने आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है. 209 पन्नों की चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को आरोपी नंबर 37 बनाया है. ईडी ने हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर होने में चरणप्रीत को आरोपी बताया है. जबकि केजरीवाल और अपराध की आय को हैंडल करने वाले विनोद चौहान के बीच हुए डायरेक्ट मैसेज को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया है. चार्जशीट में बैंक नोट, सीरियल नंबर और व्हाट्सऐप चैट का सिलसिलेवार जिक्र किया गया है.
–  अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर ईडी ने चार्जशीट में कहा, ‘PMLA के सेक्शन 70 के तहत अरविंद केजरीवाल का आबकारी मामले में रोल है. अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संरक्षक होने के नाते पार्टी द्वारा किए गए हर कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं. AAP प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय की मुख्य तौर पर लाभार्थी है.’ 
– ईडी ने कहा, ‘साउथ लॉबी की तरफ से आए बतौर रिश्वत 100 करोड़ रुपए में से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल AAP ने गोवा इलेक्शन में किया. लिहाज़ा PMLA के सेक्शन 70 के तहत एक कंपनी को तरह AAP भी इस अपराध में शामिल है. लिहाज़ा चार्जशीट में AAP को भी आरोपी बनाया गया है.’
– चार्जशीट में ईडी ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल को अपराध की आय के बारे में पूरी जानकारी थी और वह उसमें शामिल थे. यह पैसा गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया गया. अरविंद केजरीवाल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं इसलिए इसकी पूरी जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल की है.’ चार्जशीट के मुताबिक, ‘विजय नायर, जिसकी शराब पॉलिसी में काफी बड़ी भूमिका है, वह अरविंद केजरीवाल का काफी करीबी है और केजरीवाल के इशारे पर ही काम कर रहा था. समीर महेंद्रू ने पूछताछ में बताया कि विजय नायर ने उससे कहा था कि आबकारी पॉलिसी के पीछे पूरा दिमाग अरविंद केजरीवाल का है.’

कथित घोटाले में केजरीवाल का क्या रोल?

ईडी की चार्जशीट में कई बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम है. आरोप है कि जब ये एक्साइज पॉलिसी तैयार की जा रही थी, तब कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे. बुचीबाबू गोरंतला, दिनेश अरोड़ा की गवाही ही केजरीवाल के खिलाफ गई. ईडी का कहना है कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई बैठकें हुई थीं. सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब कारोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था. पूछताछ में बुचीबाबू और आरोपी अरुण पिल्लई ने खुलासा किया है कि वो एक्साइज पॉलिसी को लेकर केजरीवाल और सिसोदिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे. साथ ही आरोपी विजय नायर ने वीडियो कॉल के जरिए केजरीवाल और गिरफ्तार आरोपी समीर महेंद्रू में बात भी करवाई थी. इस दौरान केजरीवाल ने समीर से कहा था कि विजय उनका आदमी है और उन्हें उसपर भरोसा करना चाहिए.

के. कविता का क्या रोल?

– ईडी का दावा है कि के. कविता शराब कारोबारियों की ‘साउथ ग्रुप’ लॉबी से जुड़ी हुई थीं. साउथ ग्रुप की दिल्ली सरकार की 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी में बड़ी और अहम भूमिका रही थी. आरोप है कि शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर को कथित रूप से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ‘साउथ ग्रुप’ से मिली थी. साउथ ग्रुप ने ये रिश्वत आम आदमी पार्टी के नेताओं को देने के लिए उसे दी थी. ईडी ने पहले अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार किया था. 
– पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी ‘इंडोस्पिरिट्स’ को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली. पिछले साल फरवरी में सीबीआई ने अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया था. 
– ईडी ने भी बुचीबाबू से पूछताछ की थी और उसका बयान दर्ज किया था. पूछताछ में बुचीबाबू ने बताया था कि के. कविता, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बीच राजनीतिक समझ थी.

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